आधिकारिक संख्याओं के अनुसार, भारत में अल्पसंख्यक आबादी निश्चित रूप से बढ़ रही है, और इस समस्या को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हाल ही में एक बयान दिया। यह बयान 18 साल बाद चुनावी मुद्दा बन गया है, और वह भी PM मोदी द्वारा।
मनमोहन सिंह ने अल्पसंख्यकों के लिए समर्थन के रूप में कई उदाहरण दिए, उन्होंने कहा कि उन्हें समाज के विकास में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने भी यह कहा कि अल्पसंख्यकों को सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक रूप से सही समर्थन दिया जाना चाहिए।
इस बयान को PM मोदी ने चुनावी मुद्दा बनाया, जिससे कि चर्चा में अल्पसंख्यकों के मुद्दे को उच्च स्तर पर लाया जा सके। PM मोदी ने इसे एक राजनीतिक मूल्यांकन के रूप में भी उपयोग किया, और इसका मतलब यह है कि अल्पसंख्यकों के मुद्दे अब न केवल राजनीतिक महत्वपूर्ण हैं, बल्कि उन्हें भी समाज के विकास में प्राथमिकता देनी चाहिए।
मनमोहन सिंह का बयान और PM मोदी की प्रतिक्रिया साफ करते हैं कि अल्पसंख्यकों के मुद्दे भारतीय राजनीति में अब एक महत्वपूर्ण रोल निभा रहे हैं, और इसे न केवल सामाजिक मामला माना जा रहा है, बल्कि राजनीतिक नजरिये से भी देखा जा रहा है।